हिन्दी कहानी का विकास


हिन्दी कहानी का विकास

प्रेमचन्दोत्तर युग

  • जैनेन्द्र की कहानियों के माध्यम से पहली बार हिन्दी साहित्य में 'व्यक्ति' को महत्व मिला।
  • जैनेन्द्र की प्रथम कहानी 'खेल' (1928) 'विशाल भारत' में प्रकाशित हुई। किन्तु जैनेन्द्र ने 'फोटोग्राफी' अपनी प्रथम कहानी माना है।
  • जैनेन्द्र के महत्वपूर्ण कहानी-संग्रह और कहानियाँ निम्न हैं-
  • कहानी संग्रह- फाँसी (1929), वातायन (1931), दो चिड़ियाँ (1934), एक रात (1935), नीलम देश की राजकन्या (1938), ध्रुवयात्रा (1944), पाजेब (1948), जय सन्धि (1948)।

    चर्चित कहानियाँ- (1) स्पर्द्धा, (2) पत्नी, (3) एक कैदी, (4) गदर के बाद, (5) बाहुबली, (6) तत्सत्, (7) लाल सरोवर, (8) मास्टर जी, (9) जाह्नवी, (10) अपना-अपना भाग्य।

  • जैनेन्द्र कृत 'स्पर्द्धा' इटली की पृष्ठभूमि पर विदेशी-पात्रों को केन्द्र में रखकर लिखी गई कहानी है।
  • अन्य महत्वपूर्ण कहानीकार और उनके संग्रह निम्नलिखित हैं-
  • यशपाल- पिंजरे की उड़ान (1939), (2) ज्ञानदान (1943), (3) अभिसप्त (1943), (4) तर्क का तूफान (1944), (5) भस्मावृत चिनगारी (1946), (6) वो दुनिया (1948), (7) फूलों का कुर्ता (1949), (8) धर्मयुद्ध (1950), (9) उत्तराधिकारी (1951), (10) चित्र का शीर्षक (1951), (11) उत्तमी की माँ (1955), (12) तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ (1954), (13) सच बोलने की भूल (1962), (14) खच्चर और आदमी (1965), (15) भूख के तीन दिन (1968)।

    इलाचन्द्र जोशी- (1) धूप रेखा (1938), (2) दीवाली और होली (1942), (3) रोमैंटिक छाया (1943), (4) आहुति (1945), (5) खण्डहर की आत्माएँ (1948), (6) डायरी के नीरस पृष्ठ (1951), (7) कँटीले फूल : लजीले काँटे (1957)।

    अज्ञेय- (1) विपथगा (1937), (2) परम्परा (1940), (3) कोठरी की बात (1945), (4) शरणार्थी (1948), (5) जयदोल (1951), (6) ये तेरे प्रतिरूप (1961), (7) अमर वल्लरी (1945)।

    उपेन्द्रनाथ 'अश्क'- (1) पिंजरा (1944), (2) अंकुर (1945), (3) छींटे (1949), (4) बैंगन का पौधा (1954), (5) सत्तर श्रेष्ठ कहानियाँ (1958), (6) पलंग (1961), (7) आकाशचारी (1966)।

    विष्णु प्रभाकर- (1) आदि और अंत (1945), (2) रहमान का बेटा (1947), (3) जिन्दगी के थपेड़े (1952), (4) धरती अब भी घूम रही है (1970), (5) साँचे और कला (1962), (6) पुल टूटने से पहले (1977), (7) मेरा वतन (1980), (8) खिलौने (1981), (9) एक और कुंती (1985), (10) जिन्दगी एक रिहर्सल (1986), (11) आसमान के नीचे (1989), (12) कर्फ्यू और आदमी (1994), (13) आखिर क्यों (1998), (14) मैं नारी हूँ (2001), (15) जीवन का एक (2002), (16) ईश्वर का चेहरा (2003)।

    अमृतलाल नागर- (1) एक दिल हजार अफ़साने (1986)।

    द्विजेन्द्रनाथ मिश्र 'निर्गुण'- (1) टीला (2) कच्चा धागा।

    अमृतराय- (1) जीवन के पहलू (1947), (2) तिरंगे कफ़न (1948), (3) इतिहास।

    रांगेय राघव- (1) साम्राज्य का वैभव (1947), (2) समुद्र के फेन (1947), (3) देवदासी (1947), (4) जीवन के दाने (1949), (5) अधूरी मूरत (1949), (6) अंगारे न बुझे (1951), (7) इंसान पैदा हुआ (1951)।

  • इलाचन्द्र जोशी को 'हिन्दी में मनोवैज्ञानिक कहानी' लेखन परम्परा का प्रवर्तक माना जाता है।